Private School : उत्तराखंड के प्राइवेट स्कूल अब मनमाने तरीक से फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे. फीसद बढ़ोतरी से पहले अभिभावकों की सहमति लेनी पड़ेगी. अभिभावकों की सहमति के बाद ही प्राइवेट स्कूल फीस वृद्धि कर सकेंगे. लंबे समय से प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस वृद्धि की शिकायत मिल रही थी. प्रिंसिपल प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (पीपीएसए) ने इस संबंध में एसोसिएशन से जुड़े प्रदेशभर के 176 स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैं.
अभिभावकों की सहमति के बाद ही बढ़ा सकेंगे फीस
प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों से मिल रही फीस वृद्धि की शिकायतों को लेकर प्रिंसिपल प्रोगेसिव स्कूल्स एसोसिएशन (PPSA) ने संज्ञान लिया. इसके बाद पीपीएसए ने प्रदेशभर के एसोसिएशन से जुड़े सभी 176 स्कूलों को एक निर्देश जारी किया. इसमें कहा गया कि जो भी स्कूल वार्षिक फीस वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें हर साल नवंबर या दिसंबर में पेरेंट्स टीचर मीटिंग (PTM) में फीस वृद्धि का प्रस्ताव रखना होगा.
मनमाने तरीके से फीस वृद्धि का आरोप नहीं लगेगा
अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूल फीस वृद्धि कर सकेंगे. पीपीएसए का कहना है कि ऐसा करने से उनपर मनमाने तरीके से फीस बढ़ोतरी का आरोप नहीं लग सकेगा. पीपीएसए के अध्यक्ष डा. प्रेम कश्यप ने कहा कि अब अभिभावकों की सहमति के बाद ही फीस बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन से देहरादून के करीब 120 स्कूल जुड़े हैं. अब तक 80 फीसदी स्कूलों ने अपनी सहमति भी जता चुके हैं.
अभिभावकों की भी यही इच्छा
उन्होंने कहा कि अभिभावक भी यही चाहते हैं कि जब भी स्कूल फीस बढ़ाए तो उनकी राय ले लें. उन्होंने कहा कि पीटीएम में फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव लाने और अभिभावकों की सहमति के बाद ही फीस बढ़ोतरी करने के पीपीएसए के निर्णय अभिभावकों के हित में है.