लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बदलेंगे दिल्ली की राजनीति का भविष्य

 दिल्ली में बीजेपी ने लगभग 54 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त कर अपनी मजबूत पकड़ का सबूत दिया है. इस चुनाव परिणाम ने न सिर्फ बीजेपी की राजधानी में स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि दिल्ली की भविष्य की राजनीति की दिशा भी निर्धारित कर दी है. इस समय आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आंतरिक कलह और संघर्षों से जूझ रही हैं, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हुई है. इसके विपरीत, बीजेपी के लिए यह जीत कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा करने वाली साबित हुई है. वहीं आने वाले महीनों में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस बदलते हुए राजनीतिक परिदृश्य का प्रभाव इन चुनावों पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा. बीजेपी की यह विजय, आप और कांग्रेस के गठबंधन को मात देने के कारण राजधानी की राजनीति में नई रणनीतियों और समीकरणों को जन्म देगी.


दिल्ली में भाजपा को मिले 54.35 प्रतिशत वोट

इस लोकसभा चुनाव में दिल्ली में भाजपा को 54.35 प्रतिशत वोट मिले, जो पिछले चुनाव की तुलना में करीब ढाई प्रतिशत कम है. नई दिल्ली से दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने, चांदनी चौक से व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल ने और पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी हर्ष मल्होत्रा ने एक लाख से कम मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. वहीं अन्य भाजपा उम्मीदवारों ने बड़े अंतर से विजय प्राप्त की जो पार्टी के मजबूत जनाधार को दर्शाता है

2019 के चुनाव में BJP को मिले थे 56.85 प्रतिशत वोट

वहीं आपको बता दें कि नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ भारती को दिल्ली में सबसे कम 78,370 मतों के अंतर से पराजित किया, जबकि उत्तर पश्चिमी दिल्ली से योगेंद्र चांदोलिया ने कांग्रेस के प्रत्याशी उदित राज को सर्वाधिक दो लाख 90 हजार 849 मतों के अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की. वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा को 56.85 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन तब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. इस बार भले ही भाजपा का वोट प्रतिशत कुछ घटकर 54.35 प्रतिशत रह गया हो पर पार्टी ने फिर भी दिल्ली में अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी है.

मनोज तिवारी ने शीला दीक्षित को दी थी शिकस्त

आपको बता दें कि उस समय भाजपा ने दो लोकसभा सीटों पर साढ़े पांच लाख से अधिक मतों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. उस चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा के मनोज तिवारी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को तीन लाख 66 हजार से अधिक मतों से हराया था. इस बार मनोज तिवारी ने कांग्रेस के प्रत्याशी कन्हैया कुमार को एक लाख 38 हजार 778 वोटों से मात देकर जीत की हैट-ट्रिक पूरी की. इसमें दिलचस्प बात यह है कि मनोज तिवारी इस बार दिल्ली में भाजपा के एकमात्र सांसद थे, जिन्हें पुनः टिकट दिया गया था और उन्होंने अपने प्रदर्शन से पार्टी का विश्वास बनाए रखा.

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