J-K Assembly Election: कांग्रेस-NC में सीटों की संख्या नहीं सीट को लेकर फंसा पेच,


 जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल तैयारी में जुट गए हैं. इस चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस में गठबंधन हुआ है. हालांकि दोनों के बीच विधानसभा सीटों की संख्या नहीं, बल्कि सीट को लेकर गहमागहमी मची हुई है. फिलहाल पहले चरण की 24 सीटों में कांग्रेस 9 या 10 सीटें लड़ेगी, जिसमें वो घाटी की 4 सीटों पर दावा ठोक रही है.

इसमें दो सीटें देवसर और शांगस पर कांग्रेस ने 2014 में जीत हासिल की थी. तीसरी दुरु विधानसभा सीट है, जहां गुलाम अहमद मीर 161 वोट के करीबी मार्जिन से पीडीपी के उम्मीदवार सैयद फारूक अहमद अंदराबी से हार गए थे.

वहीं चौथी कोकर नाग विधानसभा सीट है, जहां से कांग्रेस के सीनियर लीडर पीरजादा मोहम्मद सैयद आते हैं. इसलिए यह सीट कांग्रेस मांग रही है. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां से पीडीपी जीत गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस को 34 प्रतिशत वोट मिला जबकि पीडीपी को 42 प्रतिशत वोट मिला था. पीडीपी के अब्दुल रहीम राथर चुनाव जीत गए थे.

इन सीटों पर कांग्रेस लड़ेगी चुनाव

कुल मिलाकर कांग्रेस अपनी सिटिंग सीट और पीडीपी की सीटें मांग रही है, जहां से उसके उम्मीदवार रनर अप रहे थे. कोकर नाग की सीट पर एक बड़ा पेच ये भी है कि, यह सीट डीलिमिटेशन में एसटी के लिए रिजर्व हो गई है लेकिन कांग्रेस अपनी पुरानी सीट के आधार पर यह सीट मांग रही है. फिर भी मोहम्मद सैयद यहां से नहीं लड़ सकते, कांग्रेस अपने टिकट पर किसी ST उम्मीदवार को उतार सकती है.

पहले चरण में कहां फंसा पेच

कांग्रेस पहले चरण की 24 में से 9-10 सीटों पर दांव लगा रही है. 5 सीटों पर उसने उम्मीदवार तय भी कर दिए हैं. बाकी तालमेल में फंसी सीटों के चलते घोषणा नहीं हो पाई. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पहले चरण की 24 सीटों में से 9 या 10 सीटों पर लड़ सकती है. इसमें वो घाटी की चार सीटों पर अपना दावा ठोक रही है. वहीं बाकी सीटें जम्मू की हैं, जिस पर एनसी को एतराज नहीं है. उम्मीद है जल्द ही अगली तस्वीर साफ होगी.

बीजेपी के हमले का कांग्रेस ने दिया जवाब

वहीं, कांग्रेस और एनसी के गठबंधन पर बीजेपी ने हमला बोला है. बीजेपी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा गया कि सत्ता का लालच कांग्रेस और एनसी को एक गठबंधन में लाया है. ये धारा 370 को वापस लाकर अशांति लाएंगे. क्या धारा 370 वापिस लाना कांग्रेस की मंशा है? उन्होंने आगे कहा कि क्या कांग्रेस राज्य के युवाओं से बात करने की बजाए अलगाववादियों से बात करेगी. क्या कांग्रेस का इरादा है कि सीमापार ट्रेड के बहाने आतंकवादियों को अंदर बुलाए. क्या वो पत्थरबाजों को सरकारी नौकरी में बहाल करके दहशतगर्दों को वापस लाना चाहती है. क्या कांग्रेस दलित गुज्जर बक्करवाल के आरक्षण को खत्म करना चाहती है.

बीजेपी के हमले का कांग्रेस ने जवाब दिया है. कांग्रेस प्रभारी भरत भाई सोलंकी ने कहा कि वहां की जनता का प्यार कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ है. बीजेपी किसी भी कीमत पर जीतने वाले नहीं हैं. इसलिए वे मनगढ़ंत बातें कर रहे हैं. कांग्रेस अपनी विचारधारा पर चलती है. हम अपनी राय संसद में रख चुके हैं. हमारा एनसी के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम होगा. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी चालू पार्टी है. वो सत्ता के लिए देश के हर कोने में किसी से भी गठबंधन कर लेती है.

The10news

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