Taiwan Earthquake: ताइवान में शुक्रवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप आने के बाद लोग सहम गए और अपने- अपने घरों से बाहर निकल आए. जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह ताइवान के पूर्वी शहर हुलिएन के तट पर 6.3 तीव्रता का भूकंप आया. हालांकि इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जान या माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है.
बताया जा रहा है कि 24 घंटे के भीतर देश में दूसरी बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र हुलिएन से 34 किलोमीटर (21 मील) दूर 9.7 किमी की गरहाई में था. भूकंप के ये झटके राजधानी ताइपे में भी महसूस किया गया, जहां कई इमारतें हिल गईं. जिससे लोग डर गए और अपने-अपने घरों और अपार्टमेंट्स से बाहर निकल आए.
बता दें कि इससे पहले गुरुवार देर रात भी ताइवान के उत्तर पूर्वी तट पर 5.7 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. बता दें कि ताइवान में अक्सर इसी तरह के भूकंप के झटके आते रहते हैं. जिसकी मुख्य वजह देश का दो टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित होना है. कई बार ताइवान में भूकंप के चलते भारी तबाही मच जाती है.
ताइवान में भूकंप से अप्रैल में मची थी तबाही
बता दें कि ताइवान में अक्सर भूकंप के तेज झटके आते रहते हैं. जिससे कई बार भारी तबाही मच जाती है. इसी साल अप्रैल में भी ताइवान में भूकंप से भारी तबाही मची थी. तक एक ही रात में ताइवान की धरती करीब 80 बार हिली थी, इनमें सबसे तेज भूकंप का झटका 6.3 तीव्रता का था. वहीं 3 अप्रैल को आए 7.2 तीव्रता के भूकंप ने देश में भारी तबाही मचाई थी. कई इमारतें गिर गईं थी और 14 लोगों की मौत हुई थी.
भूकंप आने के लिए पृथ्वी की संरचना जिम्मेदार होती है. दरअसल, हमारी धरती टैक्टोनिक प्लेटों के मिलकर बनी है. धरती के नीचे तरल पदार्थ लावा मौजूद है, जिसपर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये टैक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. इन प्लेट्स से टकराने से कई बार इनके कोने मुड़ जाते हैं, वहीं ज्यादा दबाव पड़ने पर प्लेट्स टूट जाती हैं. जब ऐसा होता है तो धरती के नीचे से ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है. जब इस ऊर्जा को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिलता तो इससे डिस्टर्बेंस पैसा हो जाता है जिससे धरती हिल जाती है. धरती के इस कंपन को भूकंप कहा जाता है.